Monsoon Update: अक्टूबर महीने का अंतिम मैं मौसम अचानक बदलना शुरू कर दिया है। मौसम विभाग के तरफ से 28 से 31 अक्टूबर तक उत्तर भारत के कई राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। जिसे लेकर किसान भी चिंतित होने लगे हैं क्योंकि धान का फसल की कटाई भी अब शुरू हो चुकी है। ऐसे में बारिश का होना किसानों में भारी खौफ देखने को मिल रही है। और यह खौफ आने वाले चार दिन तक लगातार बने रहेंगे। तो चलिए विस्तार से जानते हैं कहां-कहां और कितना पानी बरसने वाली है मौसम विभाग के अपडेट के अनुसार।
Monsoon Update उत्तर प्रदेश में फिर बरसेगा पानी
मौसम विभाग के अनुसार, 28 अक्टूबर से 31 अक्टूबर के बीच पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश में बारिश की गतिविधियाँ तेज़ हो सकती हैं।
खास तौर पर आगरा, फिरोज़ाबाद, इटावा, औरैया, मैनपुरी, जालौन, झांसी, महोबा, ललितपुर और हमीरपुर जैसे जिलों में भारी वर्षा की संभावना जताई गई है। इन जिलों में पिछले कुछ दिनों से उमस और हल्की ठंडक के बीच लोग राहत की उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन अब अचानक होने वाली बारिश से तापमान में गिरावट आएगी। किसानों के लिए यह बारिश मिश्रित असर लाने वाली हो सकती है — जहां कुछ फसलों को नमी मिलेगी, वहीं खड़ी फसलों पर नुकसान का खतरा भी रहेगा। मौसम विभाग ने लोगों को सलाह दी है कि इन दिनों अनावश्यक यात्रा से बचें और बिजली गिरने की संभावना के चलते खुले मैदानों में न जाएं।

उत्तराखंड में हल्की बौछारें, ठंड बढ़ेगी
पर्वतीय राज्य उत्तराखंड में भी मौसम ने करवट बदल ली है। चम्पावत, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में 28 अक्टूबर को हल्की से बहुत हल्की बारिश की संभावना जताई गई है।
हालांकि, 29 से 31 अक्टूबर के बीच राज्य के बाकी हिस्सों में मौसम शुष्क रहेगा। हवा में नमी और तापमान में गिरावट से ठंडक महसूस होने लगेगी। पहाड़ी इलाकों में सुबह-शाम की ठंड बढ़ जाएगी और कई जगह कोहरे की चादर भी दिखने लगेगी।
दिल्ली-NCR में भी बदलेगा मिजाज
दिल्ली और एनसीआर (नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद) के लोग भी बारिश की बूंदों का स्वागत करने को तैयार रहें। IMD के अनुसार, 28 और 29 अक्टूबर को पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की वजह से राजधानी के आसमान में घने बादल छाए रहेंगे।
कहीं-कहीं बहुत हल्की बारिश या बूंदाबांदी देखने को मिल सकती है। हालांकि 30 और 31 अक्टूबर को बारिश का कोई विशेष अलर्ट नहीं है, लेकिन ठंडी हवाएं और धूल रहित वातावरण दिल्लीवालों को कुछ दिनों के लिए राहत देंगे। प्रदूषण का स्तर भी बारिश के बाद अस्थायी रूप से घट सकता है।
मौसम वैज्ञानिकों का विश्लेषण
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि अक्टूबर के अंतिम दिनों में पश्चिमी विक्षोभ का सक्रिय होना असामान्य नहीं है।
यह वही समय होता है जब मानसून पूरी तरह विदा लेता है और सर्दी धीरे-धीरे दस्तक देती है।
इस बार पश्चिमी विक्षोभ हिमालयी क्षेत्रों से होते हुए उत्तर भारत के मैदानों तक पहुंच रहा है, जिसके चलते कई राज्यों में एक साथ बारिश देखने को मिलेगी। इस बारिश का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि दिल्ली-NCR और यूपी में पिछले कुछ दिनों से बढ़ रहे प्रदूषण के स्तर में अस्थायी सुधार होगा।
हालांकि, किसानों को अपनी फसलों के संरक्षण के लिए सतर्क रहने की जरूरत है, खासकर उन इलाकों में जहां कटाई का काम जारी है।